Surah Mulk In Hindi | सूरह मुल्क हिंदी में तर्जुमा और फजीलत के साथ

Surah Mulk In Hindi सूरह मुल्क कुरान का एक अध्याय (सूरह) है, जिसमें 30 आयते हैं। इसे "tabarkallazi" के रूप में भी जाना जाता है। सूरा अल्लाह की महानता और शक्ति पर जोर देती है, और हमें विश्वास, कृतज्ञता और उत्तरदायित्व के महत्व की याद दिलाती है।

 सूरह मुल्क में, अल्लाह हमें याद दिलाता है कि ब्रह्मांड में सब कुछ उसके नियंत्रण में है, और अकेले उसके पास जीवन और मृत्यु देने की शक्ति है। सुरा हमें उन आशीर्वादों की भी याद दिलाती है जो अल्लाह ने हमें प्रदान किए हैं, और इन आशीर्वादों के लिए आभार व्यक्त करने की आवश्यकता है।
 सूरह हमें अवज्ञा और अविश्वास के परिणामों के बारे में भी चेतावनी देता है, और अल्लाह के मार्गदर्शन का पालन करने के महत्व पर जोर देता है। यह हमें याद दिलाता है कि हमें न्याय के दिन हमारे कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा, और हमारी अंतिम मंजिल स्वर्ग या नर्क होगी।

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Surah mulk in hindi 

Surah Mulk In Hindi| सूरह मुल्क हिंदी में 

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम
  1. तबाराकल्लाजी बियादीहिल मुल्कु वहूवा अला कुल्ली शएंयिन कदीर।
  2. अल्लजी खलाकल मौता वल हयाता लियाबलुवाकुम अय्यूकुम अहसानु अमाला अहुवल अज़ीजुल गफ़ूर।
  3. अल्लजी खलाका सबाआ समावतिन तिबाका मा तरा फ़ी खलकिर रहमानी; मिन तफाउत फर्जियिल बसारा हल तरा मिन फुतूर।
  4. सुम्मर जीयिल बसारा कर्ररतैनी यानकलीबु इलाईकल बसारू खाशिऔं वहूवा हसीर।
  5. वलाक़द ज़य्यन्नस समााआद्दुनिया बिमासा बीहा वजा अलनहा रूजूमल लिश्शयातीन; वआ तदना लहुम अजाबस सईर।
  6. वालिल्लाजिना कफारू बिराब्बिहिम आजबु जहान्नमा वा बीसल मसीर।
  7. इज़ा उलकू फीहा समिऊ लहा शहीकनवं वहिया तफूर।
  8. तकादु तमाय्यजु मिनल गैज कुल्लमा उल्किया फीहा फौजुं सआलाहुम खाजानतुहा अलम यातिकूम नजीर।
  9. कालू बला कद जाअना नजीरूं फकज़्ज़बना वकुलना मा नज्जलललाहू मिंन शय इन अंतुमइल्ला फी जलालिनं कबीर। 
  10. वकालु लव कुन्ना नस्मऊ औे नआकिलु मा कुन्ना फी असहाबिस सयीर।
  11. फातराफु बिज़नंबिहिम फसुहकल लियसहाबिस सईर।
  12. इन्नललजिना यख्शौना रब्बाहुम बिलगैबी लहुम मगफिरातुं वा अजरून कबीर।
  13. वा असिर्रू कौलाकुम अविजहरु बिही इन्नहु अलीमुम बिजतिस सूदूर।
  14. अला यालामु मन खलक़ वहुवल लतीफुल खबीर।
  15. हुवललज़ी जाआला लकुमुल अर्जा जलूलन फामशू फी मनाकिबिहा वकुलू मिर रिज्किही वा इलैहिन नुशूर।
  16. आ आमिंतुम मन फीस समाई अंय यखसिफा बीकुमुल अरजा फइज़ा हिया तमूर।
  17. अम अमिंतुम मंन फिस्समाई अंय युरसिला अलैयकूम फइज़ा हासिबन फसातालामूना कईफा नज़ीर।
  18. वलाकद कज्जबल्लजीना मिन क़ब्लिहिम फकईफ़ा काना नकीर।
  19. अवालम यराऊ इलत्तयरी फौकाहुम साफ्फातिंव वयकबिज्न मा युम्सिकुहुन्ना; इल्लर रहमानु इन्नहु बिकुल्ल शैइंम बसीर।
  20. अम्मन हाजल्लजी हुआ जुंदुल लकुम यनसुरुकुम मिन दूनिर रहमानी इनिल काफिरूना इल्ला फी गुरुर।
  21. अम्मन हाजाल्लजी यार्जुकुकुम इन अमसका रिज्कहु बल लज्जु फी उतुव्विंव वा नुफ़ूर।
  22. अफा मइंय यमशी मुकिब्बन अला वजहिहि अहदा अम्मय यमशी सविय्यन अला सिरतिम मुस्तकीम
  23. कुल हुवाल्लजी अंशाआकुम वजाअला लकुमु्स समआ वल अफइदता कलीलम मा तश्कुरून।
  24. कुल हुवललजी ज़राआकुम फिल अरजी वईलईहि तुहशरून।
  25. व या कूलूना मता हाज़ल वआदू इन कुंतुम सादिकीन।
  26. कुल इन्नमल इलमु इंदाल्लाह वाइन्नमा अना नज़ीरुम्म मुबीन।
  27. फलम्मा राऊहु जुलफतन सीअत वुजूहुल्लजीना कफ़ारू वकीला हजाल्लजी कुंतुम बिही तद्दाऊन
  28. कुल अराअयतुम इन अहलकानियल्लाहु वमम् मईया अव रहिमाना फामैययुजीरुल काफिरीना मिन अजाबिल अलीम।
  29. कुल हुवार्रह्मानू आमन्ना बिही वाअलैहि तवाकल्लना फसातालमूना मन हुआ फ़ी जालालिम मुबीन
  30. कुल अराअयतुम इन असबहा मा ऊकुम गौरन फमैयांतिकुम बीमाइम्म मुबीन।

Surah Mulk In Hindi

Surah Mulk Tarjuma in hindi 

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम

शुरू अल्लाह के नाम से जो सब पर मेहरबान है, बहुत मेहरबान है।

1. तबाराकल्लाजी बियादीहिल मुल्कु वहूवा अला कुल्ली शएंयिन कदीर।
बड़ी शान है उस ज़ात की जिसके हाथ में सारी बादशाही है, और वह हर चीज़ पर पूरी तरह क़ादिर है।

2. अल्लजी खलाकल मौता वल हयाता लियाबलुवाकुम अय्यूकुम अहसानु अमाला अहुवल अज़ीजुल गफ़ूर।
जिसने मौत और ज़िन्दगी इसलिये पैदा की ताकि वह तुम्हें आजमाये कि तुम में से कौन अ़मल में ज़्यादा बेहतर है, और वही है जो मुकम्मल इक़्तिदार (ताक़त व इख़्तियार) का मालिक (और) बहुत बख़्शने वाला है।

3. अल्लजी खलाका सबाआ समावतिन तिबाका मा तरा फ़ी खलकिर रहमानी; मिन तफाउत फर्जियिल बसारा हल तरा मिन फुतूर।
जिसने सात आसमान ऊपर-नीचे पैदा किये। तुम ख़ुदा-ए-रहमान की तख़्लीक़ (बनाने और पैदा करने) में कोई फ़र्क़ नहीं पाओगे। (1) अब फिर से नज़र दौड़ाकर देखो क्या तुम्हें कोई रख़्ना नज़र आता है?

4. सुम्मर जीयिल बसारा कर्ररतैनी यानकलीबु इलाईकल बसारू खाशिऔं वहूवा हसीर।
फिर बार-बार नज़र दौड़ाओ, नतीजा यही होगा कि नज़र थक-हारकर नामुराद (नाकाम) लौट आयेगी।

5. वलाक़द ज़य्यन्नस समााआद्दुनिया बिमासा बीहा वजा अलनहा रूजूमल लिश्शयातीन; वआ तदना लहुम अजाबस सईर। 
और हमने क़रीब वाले आसमान को रोशन चिरागों (यानी सितारों वग़ैरह) से सजा रखा है, और उनको शैतानों पर पत्थर बरसाने का ज़रिया भी बनाया है, (2) और उनके लिये दहकती आग का अ़ज़ाब तैयार कर रखा है।

6. वालिल्लाजिना कफारू बिराब्बिहिम आजबु जहान्नमा वा बीसल मसीर।
और जिन लोगों ने अपने परवर्दिगार से कुफ़्र का मामला किया है उनके लिये जहन्नम का अ़ज़ाब है, और वह बहुत बुरा ठिकाना है।

7. इज़ा उलकू फीहा समिऊ लहा शहीकनवं वहिया तफूर।
जब वे उसमें डाले जायेंगे तो उसके दहाड़ने की आवाज़ सुनेंगे, और वह जोश मारती होगी,

8. तकादु तमाय्यजु मिनल गैज कुल्लमा उल्किया फीहा फौजुं सआलाहुम खाजानतुहा अलम यातिकूम नजीर।
ऐसा लगेगा जैसे वह ग़ुस्से से फट पड़ेगी। जब भी उसमें (काफ़िरों का) कोई गिरोह फेंका जायेगा तो उसके मुहाफ़िज़ (निगराँ फ़रिश्ते) उनसे पूछेगे कि क्या तुम्हारे पास कोई ख़बरदार करने वाला नहीं आया था?

9. कालू बला कद जाअना नजीरूं फकज़्ज़बना वकुलना मा नज्जलललाहू मिंन शय इन अंतुमइल्ला फी जलालिनं कबीर।
वे कहेंगे कि हाँ बेशक हमारे पास ख़बरदार करने वाला (यानी पैग़म्बर और रसूल) आया था, मगर हमने (उसे) झुठला दिया, और कहा कि अल्लाह ने कुछ नाज़िल नहीं किया, तुम्हारी हक़ीक़त इसके सिवा कुछ नहीं कि तुम बड़ी भारी गुमराही में पड़े हुए हो।

10. वकालु लव कुन्ना नस्मऊ औे नआकिलु मा कुन्ना फी असहाबिस सयीर।
और वे कहेंगे कि अगर हम सुन लिया करते और समझ से काम लिया करते तो (आज) दोज़ख़ वालों में शामिल न होते।

11. फातराफु बिज़नंबिहिम फसुहकल लियसहाबिस सईर।
इस तरह वे अपने गुनाह का ख़ुद ऐतिराफ़ (यानी क़ुबूल) कर लेंगे। ग़र्ज़ कि फटकार है दोज़ख़ वालों पर।

12. इन्नललजिना यख्शौना रब्बाहुम बिलगैबी लहुम मगफिरातुं वा अजरून कबीर।
(इसके विपरीत) जो लोग बिन देखे अपने परवर्दिगार से डरते हैं, उनके लिये बेशक मग़फ़िरत और बड़ा अज्र है।

13. वा असिर्रू कौलाकुम अविजहरु बिही इन्नहु अलीमुम बिजतिस सूदूर।
और तुम अपनी बात छुपाकर करो या ज़ोर से करो, (सब उसके इल्म में है, क्योंकि) वह दिलों तक की बातों का पूरा इल्म रखने वाला है।

14. अला यालामु मन खलक़ वहुवल लतीफुल खबीर।
भला जिसने पैदा किया वही न जाने? जबकि वह बहुत बारीकी की नज़र रखने वाला, मुकम्मल तौर पर बा-ख़बर है।

15. हुवललज़ी जाआला लकुमुल अर्जा जलूलन फामशू फी मनाकिबिहा वकुलू मिर रिज्किही वा इलैहिन नुशूर।
वही है जिसने तुम्हारे लिये ज़मीन को राम (यानी तुम्हारे क़ाबू में) कर दिया है, लिहाज़ा तुम उसके मोंढों पर चलो फिरो, और उसका रिज़्क़ खाओ, और उसी के पास दोबारा ज़िन्दा होकर जाना है। (3)

16. आ आमिंतुम मन फीस समाई अंय यखसिफा बीकुमुल अरजा फइज़ा हिया तमूर।
क्या तुम आसमानों वाले की इस बात से बेख़ौफ़ हो बैठे हो कि वह तुम्हें ज़मीन में धंसा दे, तो वह एक दम थरथराने लगे? (4)

17. अम अमिंतुम मंन फिस्समाई अंय युरसिला अलैयकूम फइज़ा हासिबन फसातालामूना कईफा नज़ीर।
या क्या तुम आसमान वाले की इस बात से बेख़ौफ़ हो बैठे हो कि वह तुम पर पत्थरों की बारिश बरसा दे? फिर तुम्हें पता चलेगा कि मेरा डराना कैसा था?

18. वलाकद कज्जबल्लजीना मिन क़ब्लिहिम फकईफ़ा काना नकीर।
और इनसे पहले जो लोग थे उन्होंने भी (पैग़म्बरों को) झुठलाया था। फिर (देख लो कि) मेरा अ़ज़ाब कैसा था?

19. अवालम यराऊ इलत्तयरी फौकाहुम साफ्फातिंव वयकबिज्न मा युम्सिकुहुन्ना; इल्लर रहमानु इन्नहु बिकुल्ल शैइंम बसीर।
और क्या इन्होंने परिन्दों को अपने ऊपर नज़र उठाकर नहीं देखा कि वो परों को फैलाये हुए होते हैं, और समेट भी लेते हैं। उनको ख़ुदा-ए-रहमान के सिवा कोई थामे हुए नहीं है। यक़ीनन वह हर चीज़ की ख़ूब देखभाल करने वाला है।

20. अम्मन हाजल्लजी हुआ जुंदुल लकुम यनसुरुकुम मिन दूनिर रहमानी इनिल काफिरूना इल्ला फी गुरुर।
भला ख़ुदा-ए-रहमान के सिवा वह कौन है जो तुम्हारा लश्कर बनकर तुम्हारी मदद करे? काफ़िर लोग तो ख़ालिस धोखे में पड़े हुए हैं। (5)

21. अम्मन हाजाल्लजी यार्जुकुकुम इन अमसका रिज्कहु बल लज्जु फी उतुव्विंव वा नुफ़ूर।
अगर वह अपना रिज़्क़ बन्द कर दे तो भला वह कौन है जो तुम्हें रिज़्क़ अ़ता कर सके? इसके बावजूद वे सरकशी और बेज़ारी पर जमे हुए हैं।

22. अफा मइंय यमशी मुकिब्बन अला वजहिहि अहदा अम्मय यमशी सविय्यन अला सिरतिम मुस्तकीम।
भला जो शख़्स अपने मुँह के बल औंधा चल रहा हो, वह मन्ज़िल तक ज़्यादा पहुँचने वाला होगा, या वह जो एक सीधे रास्ते पर चल रहा हो?

23. कुल हुवाल्लजी अंशाआकुम वजाअला लकुमु्स समआ वल अफइदता कलीलम मा तश्कुरून।
कह दो कि वही है जिसने तुम्हें पैदा किया, और तुम्हारे लिये कान और आँखें और दिल बनाये। (मगर) तुम लोग शुक्र कम ही करते हो।

24. कुल हुवललजी ज़राआकुम फिल अरजी वईलईहि तुहशरून।
कह दो कि वही है जिसने तुम्हें ज़मीन में फैलाया, और उसी के पास तुम्हें इकट्ठा करके लेजाया जायेगा।

25. व या कूलूना मता हाज़ल वआदू इन कुंतुम सादिकीन।
और ये लोग कहते हैं कि अगर तुम सच्चे हो तो बताओ कि यह वायदा कब पूरा होगा? (6)

26. कुल इन्नमल इलमु इंदाल्लाह वाइन्नमा अना नज़ीरुम्म मुबीन।
कह दो कि इसका इल्म तो सिर्फ़ अल्लाह के पास है, और मैं तो बस साफ़-साफ़ तरीक़े पर ख़बरदार करने वाला हूँ।

27. फलम्मा राऊहु जुलफतन सीअत वुजूहुल्लजीना कफ़ारू वकीला हजाल्लजी कुंतुम बिही तद्दाऊन।
फिर जब वे उस (क़ियामत के अ़ज़ाब) को पास आता देख लेंगे तो काफ़िरों के चेहरे बिगड़ जायेंगे और कहा जायेगा कि यह है वह चीज़ जो तुम माँगा करते थे।

28. कुल अराअयतुम इन अहलकानियल्लाहु वमम् मईया अव रहिमाना फामैययुजीरुल काफिरीना मिन अजाबिल अलीम।
(ऐ पैग़म्बर! उनसे) कहो कि ज़रा यह बतलाओ कि चाहे अल्लाह मुझे और मेरे साथियों को हलाक कर दे या हम पर रहम फ़रमा दे (दोनों सूरतों में) काफ़िरों को दर्दनाक अ़ज़ाब से कौन बचायेगा? (7)

29. कुल हुवार्रह्मानू आमन्ना बिही वाअलैहि तवाकल्लना फसातालमूना मन हुआ फ़ी जालालिम मुबीन।
कह दो कि वह रहमान है, हम उस पर ईमान लाये हैं, और उसी पर हमने भरोसा किया है। चुनाँचे जल्द ही तुम्हें पता चल जायेगा कि कौन है जो खुली गुमराही में मुब्तला है।

30. कुल अराअयतुम इन असबहा मा ऊकुम गौरन फमैयांतिकुम बीमाइम्म मुबीन।
कह दो कि ज़रा यह बतलाओ कि अगर किसी सुबह तुम्हारा पानी नीचे को उतरकर ग़ायब हो जाये तो कौन है जो तुम्हें चश्मे से उबलता हुआ पानी लाकर दे दे? (8)


Surah Mulk Ki Fazilat

Surah Mulk Benifits 

(1) हज़रते अबू हुरैरा رضي الله عنه से रिवायत है कि दो जहां के सरदार, मक्के मदीने के ताजदार ﷺ ने फ़रमाया : "बेशक कुरआन में तीस आयतों पर मुश्तमिल एक सूरत है जो अपने क़ारी के लिये शफ़ाअत करती रहेगी यहां तक कि उस की मग्फ़िरत कर दी जाएगी और येह تَبٰرَکَ الَّذِیۡ بِیَدِہِ الۡمُلۡکُ ۫ وَ ہُوَ عَلٰی کُلِّ شَیۡءٍ قَدِیۡرُ ۨ (सुरह मुल्क) है।" (तिर्मीजी)

(2) हज़रते अनस رضي الله عنه से रिवायत है कि रसूलों के सरदार ﷺ ने फ़रमाया : कुरआने करीम में एक सूरत है जो अपने क़ारी के बारे में झगड़ा करेगी यहां तक कि उसे जन्नत में दाखिल करा देगी और वोह येही सूरए मुल्क है ।

(3.)हज़रते अब्दुल्लाह बिन मस्ऊद رضي الله عنه फ़रमाते हैं कि “जब बन्दा कब्र में जाएगा तो अज़ाब उस के क़दमों की जानिब से आएगा तो उस के क़दम कहेंगे तेरे लिये मेरी तरफ़ से कोई रास्ता नहीं क्यूं कि येह रात में सूरए मुल्क पढ़ा करता था, फिर अज़ाब उस के सीने या पेट की तरफ़ से आएगा तो वोह कहेगा कि तुम्हारे लिये मेरी जानिब से कोई रास्ता नहीं क्यूं कि येह रात में सूरए मुल्क पढ़ा करता था, फिर वोह उस के सर की तरफ़ से आएगा तो सर कहेगा कि तुम्हारे लिये मेरी तरफ़ से कोई रास्ता नही क्यूं कि येह रात में सूरए मुल्क पढ़ा करता था ।" तो येह सूरत रोकने वाली है, अज़ाबे क़ब्र से रोकती है, तौरात में इस का नाम सूरए मुल्क है जो इसे रात पढ़ता है वोह बहुत ज़ियादा और अच्छा अमल करता है।"

( 4 ) हज़रते इब्ने अब्बास ﷺ फ़रमाते हैं कि एक सहाबी ने एक क़ब्र पर अपना खैमा लगाया मगर उन्हें इल्म न था कि यहां क़ब्र है अचानक उन्हें पता चला कि येह एक कब्र है जिस में एक आदमी सूरए मुल्क पढ़ रहा है यहां तक कि उस ने पूरी सूरत ख़त्म की वोह सहाबी (जब) नबिय्ये पाक ﷺ की बारगाह में हाज़िर हुए तो अर्ज़ की : “या रसूलल्लाह ﷺ ! मैं ने अन्जाने में एक क़ब्र पर खैमा लगा लिया अचानक मुझे मालूम हुवा कि येह एक क़ब्र है और उस में एक आदमी सूरए मुल्क पढ़ रहा है यहां तक कि उस ने सूरत मुकम्मल कर ली।” ताजदारे रिसालत ﷺ ने फ़रमाया : "येह सूरत अज़ाबे कब्र को रोकने वाली और उस से नजात देने वाली है ।

(5) हुज़ूरे अकरम ﷺ का फ़रमाने आलीशान है : मेरी ख़्वाहिश है कि सूरए मुल्क हर मोमिन के दिल में हो ।

(6) चांद देख कर इस को पढ़ा जाए तो महीने के तीस दिनों तक वोह पढ़ने वाला सख़्तियों से महफूज़ रहेगा, इस लिये कि येह तीस आयतें हैं और तीस दिन के लिये काफ़ी हैं।

(7) हज़रते इब्ने अब्बास رضي الله عنه फ़रमाते हैं कि प्यारे प्यारे आका ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया : बेशक मैं कुरआन में 30 आयात की एक सूरत पाता हूं, जो शख़्स सोते वक्त इस (सूरत) की तिलावत करे, उस के लिये 30 नेकियां लिखी जाएंगी, और उस के 30 गुनाह मिटाए जाएंगे, और उस के 30 दरजात बुलन्द किये जाएंगे, अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त अपने फ़िरिश्तों में से एक फ़िरिश्ता उस की तरफ़ भेजेगा, ताकि वोह उस पर अपने पर बिछा दे और उस की हर चीज़ से जागने तक हिफ़ाज़त करे, और येह मुजादला (या'नी झगड़ा) करने वाली है, अपने पढ़ने वाले की मग़्फ़िरत के लिये क़ब्र में झगड़ा करेगी, और येह सूरए मुल्क हैं।

(8) हज़रते इब्ने अब्बास رضي الله عنه ने एक आदमी से फ़रमाया : क्या मैं तुझे एक हदीस तोहफ़े के तौर पर न दूं जिस के साथ तू खुश हो जाए, उस ने अर्ज़ की बेशक ! तो आप رضي الله عنه ने फ़रमाया : येह सूरह पढ़ो : सूरए मुल्क और येह सूरत अपने अहलो इयाल, अपने तमाम औलाद, अपने घर के बच्चों और अपने पड़ोसियों को सिखाओ (उन्हें इस की ता’लीम दो) क्यूं कि येह नजात दिलाने वाली है और क़ियामत के दिन अपने पढ़ने वाले के लिये अपने रब के पास झगड़ने वाली है, और येह उसे तलाश करेगी ताकि उसे जहन्नम के अज़ाब से नजात दिलाए और इस की बरकत से इस का पढ़ने वाला अज़ाब से भी नजात पा जाएगा ।

Conclusion

सूरह मुल्क कुरान का एक शक्तिशाली और प्रेरक अध्याय है जो हमें विश्वास, कृतज्ञता, जवाबदेही और अल्लाह की शक्ति और महिमा के बारे में महत्वपूर्ण सबक सिखाता है। यह हमें उनके मार्गदर्शन के अनुसार अपना जीवन जीने और स्वर्ग के अंतिम इनाम के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

FAQ

Q. surah mulk kaun se pare mein hai ?

Ans. सूरह मुल्क कुरान मजीद के 29 वें पारे में है।


Q. 2 सूरह मुल्क किस लिए पढ़ा जाता है?

Ans. हज़रते अबू हुरैरा رضي الله عنه से रिवायत है कि दो जहां के सरदार, मक्के मदीने के ताजदार ﷺ ने फ़रमाया : "बेशक कुरआन में तीस आयतों पर मुश्तमिल एक सूरत है जो अपने क़ारी के लिये शफ़ाअत करती रहेगी यहां तक कि उस की मग्फ़िरत कर दी जाएगी और येह تَبٰرَکَ الَّذِیۡ بِیَدِہِ الۡمُلۡکُ ۫ وَ ہُوَ عَلٰی کُلِّ شَیۡءٍ قَدِیۡرُ ۨ (सुरह मुल्क) है।" (तिर्मीजी)

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