हज़रत आदम अलैहिस्सलाम
हज़रत आदम अलैहिस्सलाम सबसे पहले इंसान हैं जिनको अल्लाह तआला ने दुनियां में भेजा, और सबसे पहले नबी आप हैं, आप ही की औलाद सारी दुनिया में फैली, आपका ज़िक्र क़ुरआन पाक में उन्नीस बार आया है जब अल्लाह तआला ने दुनिया को आबाद करने का इरादा किया तो उसने फरिश्तों में कहा !
मैं दुनिया में अपना एक नाइब खलीफा बनाना चाहता हूं, फरिश्तों ने कहा, ऐ अल्लाह तू दुनिया में ऐसे शख्स को नाइब बनाना चाहता है जो ख़राबिया करके और ख़ून करता फिरे, हम तेरी तारीफ़ करने के साथ तेरी तम्बीह और पाकी बयान करते रहते हैं
अल्लाह तआला ने फरमाया में वह बातें जानता हूं जो तुम नहीं जानते, अल्लाह तआला ने हजरत आदम अलैहिस्सलाम को सब चीज़ों के नाम सिंखा दिए, फिर उनको फरिश्तों के सामने किया और फ़रमायाः अगर तुम सच्चे हो तो मुझे इनके नाम बताओ उन्होंने कहा कि तू पाक है जितना इल्म तूने हम को बख़्शा है इसके सिवा हम को कुछ नहीं मालूम, फिर अल्लाह तआला ने फरिश्तों को हुक्म दिया कि तुम आदम अलैहिस्सलाम को सज्दा करो, तो वह सब सज्दे में गिर पड़े, मगर शैतान ने सज्दा नहीं किया इसका जिक्र पहले भी आया है, अल्लाह तआला ने हजरत आदम अलैहिस्सलाम से कहा कि तुम और तुम्हारी बीवी जन्नत में रहो, और जहां से चाहो खाओ पियो, मगर एक खास दरख्त के मुतअल्लिक हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को मना कर दिया कि उसके करीब भी न जाना वर्ना तुम भी ज़ालिमों में से हो जाओगे, इस तरह अल्लाह तआला ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम का इमतिहान लिया कि देखें यह हमारा कहना मानते हैं या भूल जाते हैं, और शैतान के बहकाएं में आ जाते हैं।
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Hazrat Adam Alaihis Salam in Hindi |
अल्लाह तआला ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम से कहा कि हमने कह दिया था कि इस दरख्त के पास भी न जाना और शैतान के कहने में न आना, वह तुम्हारा दुश्मन है तुम उसके कहने में आ गए। अब तुम और हव्वा जन्नत से चले जाओ, और दुनिया में 'जाकर रहो।
हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत से निकलने और शैतान के बहकाए में आने का बहुत रंज हुआ और बहुत अर्सा तक अल्लाह तआला से मुआफी मांगते रहे और रोते रहे कि अल्लाह तआला मुझे मुआफ कर दे, आखिर अल्लाह तआला को रहम आया और हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को यह दुआ सिखाई कि एं हमारे रब हमने अपने ऊपर जुल्म किया और तू हम पर रहम नहीं करेगा तो हम बड़ा नुक्सान उठाने वालों में से हो जाएंगे तो हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने यह दुआ बहुत गिड़गिड़ाकर मांगी, और अल्लाह तआला तो बहुत रहम करने वाले हैं, जब कोई बन्दा गुनाह कर लेता है और सच्चे दिल से तौबा कर लेता है कि ऐ अल्लाह यह गुनाह तो मुझ से गलती से हो गया आइंदा ऐसा न करूंगा,
तो वह मुआफ़ कर देते हैं, चूनांचे हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को भी अल्लाह तआला ने मुआफ कर दिया और फिर कहा कि तुम और तुम्हारी औलाद दुनिया में रहो और यह बात याद रखो कि जब मेरी तरफ से कोई नबी अलैहिस्सलाम मेरी हिदायत ले कर तुम्हारे पास आए तो तुम उसका कहना मानना जो मेरे भेजे हुए नबीयों का कहना मानेगा, उसको फिर न कोई ख़ौफ़ होगा और न ग़म होगा और जो लोग मेरे नबीयों की बात को नहीं मानेंगे और हमारी आयतों को झुठलाएंगे वह दोज़ख़ में जाएंगे और हमेशा उसी में रहेंगे।
इसके बाद हज़रत आदम अलैहिस्लाम और हज़रत हव्या अलैहिस्सलाम दुनिया में रहने महने लगे, खूब जी लगा कर अल्लाह की इबादत करते उनकी बहुत औलाद हुई और दुनिया में सब जगह आबाद होती रही। हज़रत आदम अलैहिस्सलाम अपनी औलाद को यही बात बताते रहे कि तुम कभी शैतान के बहकाए में न आना, वह हमारा दुश्मन है और हमको बुरी बातें करने के लिए बहकाता रहता है, हमेशा अल्लाह की इबादत करना सच बोलना, किसी पर ज़ुल्म न करना, एक दूसरे के नेक कामों में मदद करते रहना । आखिर कार हज़रत आदम अलैहिस्सलाम नौ सौ साल ज़िन्दा रह कर वफात पा गए।
काबील व हाबील
कुरआन मजीद में हजरत आदम अलैहिस्सलाम के दो बेटों काबील व हाबील का किस्सा है और हम तुम को सुनाते हैं कि हज़रत आदम और हव्वा अलैहिस्सलाम से बहुत औलाद हुई. इन्हीं में से दो बच्चे काबील व हाबील थे, काबील बड़ा लड़का था, लेकिन यह मां-बाप का कहना नहीं मानता था, हाबील छोटा भाई था जो मां-बाप का कहना मानता था, अकलीमा एक लड़की थी जिससे काबील शादी करना चाहता था, मगर हज़रत आदम व हव्वा अलैहिस्सलाम उसकी शादी अपने छोटे बेटे हाबील में करना चाहते थे, जो नेक और शरीफ था, इसलिए काबील अपने मां-बाप और भाई का दुश्मन हो गया, अल्लाह तआला ने हुक्म दिया कि तुम दोनों कुर्बानी करके पहाड़ पर रख आओ, जिसकी कुर्बानी कबूल होगी उससे अकलीमा की शादी की जाएगी, अल्लाह तआला को अपने नेक बन्दे पसंद होते हैं और वह उनकी मदद करता है, आसमान मे एक आग आई और हाबील की कुर्बानी को ले गई. यानी हाबील की कुर्बानी कबूल हो गई, अब उसके भाई काबील को बहुत गुम्मा आया, उसने हाबील मे कहा कि मैं तुझ का कत्ल कर दूंगा ।
हाबील ने कहा: अल्लाह नेक बन्दों की क़ुर्बानी कबूल करता है अगर तुम मुझसे लड़ोगे तो मैं तुम पर हाथ नहीं उठाऊंगा, आखिर एक दिन काबील ने हाबील को कत्ल कर दिया ।
दुनिया में यह पहला कत्ल था जो काबील ने अपने भाई हाबील का किया, कत्ल करने के बाद काबील को फिक्र हुई कि हाबील की लाश का क्या करे किस तरह छुपाए, उसने देखा कि एक कव्वा चोंच से ज़मीन खोद कर एक दूसरे मरे हुए कव्वे को दफन कर रहा है, तब उसने भी अपने भाई हाबील को ज़मीन खोद कर दफ़न कर दिया और ख़ुद जाकर आग की पूजा करने लगा, हज़रत आदम व हव्वा अलैहिस्सलाम को बहुत रंज हुआ।
काबील व हाबील दोनों भाईयों के झगड़े से हम को सबक लेना चाहिए, हमारा हकीकी भाई या मुसलमान भाई अगर हम पर ज़ियादती करें तो बेहतर यह है कि हम सब्र करें और अपने भाई पर हाथ न उठाएं काबील ने अपने भाई को कत्ल किया, कियामत तक लोग उस पर लानत करते रहेंगे और आखिरत में अल्लाह के अज़ाब का मुस्तहक़ हुआ, और हाबील को किंयामत तक लोग अच्छा कहते रहेंगे। और वह जन्नत का वारिस हुआ ।
FAQ
Q. 1 हजरत आदम अलैहिस्सलाम का मजार किस देश में है?
Ans. हज़रत आदम (अ.स.) के मजार के सटीक स्थान के बारे में इस्लामी इतिहास या परंपरा में कोई स्पष्ट सहमति या सबूत नहीं है। विभिन्न क्षेत्रों और देशों ने उनके दफनाने की जगह का दावा किया है, लेकिन इनमें से किसी भी दावे को सत्यापित करने के लिए कोई निश्चित प्रमाण नहीं है।
कुछ विद्वानों का मानना है कि हजरत आदम को सऊदी अरब के जेद्दा में दफनाया गया था, जबकि अन्य का कहना है कि उनकी कब्र आदम की चोटी के शहर के पास भारत में है। अन्य परंपराओं में उनके दफनाने के संभावित स्थानों के रूप में जॉर्डन, इराक और यहां तक कि यरूशलेम जैसे स्थानों का उल्लेख है।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हज़रत आदम की कब्र का स्थान इस्लाम में धार्मिक महत्व का नहीं माना जाता है, और उनके जीवन, शिक्षाओं और मानवता के पहले पैगंबर और पिता के रूप में भूमिका पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
Q. 2 हजरत आदम की ऊंचाई कितनी थी?
Ans. इस्लामी परंपरा हजरत आदम (अ.स.) की सही ऊंचाई के बारे में विशेष जानकारी प्रदान नहीं करती है। हालाँकि, कुछ ने यह भी कहा कि वह लगभग 60 हाथ (90 फीट या 27 मीटर) लम्बे थे।